
नेशनल डेस्क, श्रेया पाण्डेय |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने रेलवे के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के इटारसी से महाराष्ट्र के नागपुर तक लगभग 297 किलोमीटर लंबी चौथी रेल लाइन को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर कुल अनुमानित लागत ₹5,451 करोड़ आएगी और इसे वर्ष 2030-31 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह प्रस्तावित रेल लाइन, देश के दिल्ली–चेन्नई हाई डेंसिटी नेटवर्क का हिस्सा होगी। यह नेटवर्क भारतीय रेल के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है, जहां प्रतिदिन हजारों यात्री और मालगाड़ियाँ संचालित होती हैं। नई रेल लाइन की मंजूरी से नागपुर-इटारसी घाट सेक्शन में ट्रेनों की भीड़भाड़ में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
यह क्षेत्र ना केवल मालवहन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यात्री सुविधाओं के लिहाज से भी इसकी भूमिका अहम है। मौजूदा तीन रेल लाइनों पर लगातार बढ़ते दबाव के कारण समय-पालन और संचालन की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा था। चौथी लाइन के निर्माण से रेलवे को संचालन में लचीलापन, ट्रेनों की गति में वृद्धि, और समयबद्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
इस परियोजना से पर्यावरणीय लाभ भी अपेक्षित हैं। रेल लाइन पर बिजली से चलने वाली ट्रेनों के संचालन से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे भारत के हरित विकास के लक्ष्य को बल मिलेगा। यह परियोजना सतत विकास और ऊर्जा दक्षता की दिशा में एक और मजबूत कदम मानी जा रही है।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से भी यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। इटारसी–नागपुर खंड कई प्रमुख धार्मिक स्थलों से जोड़ता है, जिनमें खासकर ज्योतिर्लिंग तीर्थस्थल आते हैं। इन स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अब अधिक सुविधा, समयबद्ध यात्रा और आरामदायक रेल सेवा मिलेगी।
रेल मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में स्थानीय श्रमिकों को रोजगार भी मिलेगा। निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग, मशीन ऑपरेशन, सामग्री आपूर्ति और अन्य सहायक क्षेत्रों में लोगों को नौकरियाँ मिलेंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
सरकार का मानना है कि यह निर्णय ना केवल रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करेगा, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति, लॉजिस्टिक नेटवर्क, और पर्यटन क्षेत्र को भी नई दिशा देगा। रेल मंत्री ने कहा है कि इस प्रकार की परियोजनाएं भारत को “विकसित राष्ट्र” की ओर अग्रसर करने की रणनीति का हिस्सा हैं।