Ad Image
ट्रंप ने भारत पर 25% आयात शुल्क लगाने के आदेश पर किया हस्ताक्षर || बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित || उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को, 7 अगस्त को जारी होगी अधिसूचना || PM मोदी ने शहीद क्रांतिकारी उधम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की || शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करती है: मंत्री रत्नेश सदा || आज राष्ट्रपति का झारखंड दौरा, देवघर एम्स के दीक्षांत समारोह में हुई शामिल || बिहार में खर्च 70 हजार करोड़ का हिसाब नहीं, पवन खेड़ा ने कहा महाघोटाला || पाक पर सैन्य कार्रवाई रोकने में ट्रंप की भूमिका पर गोलमोल जवाब दे रही सरकार: राहुल गांधी || पाक पर सैन्य कार्रवाई रोकने में अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका नहीं : विदेशमंत्री जयशंकर || अमेरिका फिलिस्तीनियों के लिए गाजा में फूड सेंटर खोलेगा: राष्ट्रपति ट्रंप

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

चुनाव से पहले नीतीश का दांव, वृद्धजनों और महिलाओं को मिलेगी अब 1100 रुपये पेंशन

स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |

विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा दांव, वृद्धजनों और महिलाओं को मिलेगी अब 1100 रुपये पेंशन, 1 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को होगा फायदा

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। शनिवार को उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर घोषणा की कि राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन राशि में भारी बढ़ोतरी कर रही है। अब तक इस योजना के तहत लाभार्थियों को हर महीने 400 रुपये की पेंशन मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। यह बढ़ी हुई पेंशन जुलाई महीने से लागू होगी और लाभार्थियों को हर महीने की 10 तारीख को उनके खाते में यह राशि भेजी जाएगी।


इस निर्णय का सीधा लाभ राज्य के वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाएं को मिलेगा। ये वे वर्ग हैं जो अक्सर समाज में आर्थिक रूप से कमजोर और निर्भर होते हैं। सरकार की इस पहल को सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “वृद्धजन समाज का अनमोल हिस्सा हैं। उनका सम्मानजनक जीवन-यापन सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील रहेगी।”

सरकार के अनुसार, इस योजना से राज्य के 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थी सीधे लाभान्वित होंगे। पेंशन राशि में इस वृद्धि से उन्हें दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति में बड़ी राहत मिलेगी।


इस घोषणा को सिर्फ एक सामाजिक योजना के विस्तार के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखें भले ही अभी घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन नीतीश कुमार की यह घोषणा साफ संकेत देती है कि वे सामाजिक वर्गों, खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को साधने की कोशिश में हैं।

बिहार में महिलाओं की सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए पहले भी नीतीश कुमार ने कई योजनाएं लागू की हैं। इनमें बालिका साइकिल योजना, आरक्षण व्यवस्था, छात्रवृत्ति योजनाएं और नशा मुक्ति अभियान प्रमुख हैं। अब विधवा महिलाओं को पेंशन में बढ़ोतरी देकर उन्होंने फिर से महिलाओं को केंद्र में रखा है।


हालांकि अभी तक इस घोषणा पर विपक्ष की कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुनावी साल में इस तरह की घोषणाएं हमेशा बहस का मुद्दा बनती हैं। अक्सर ऐसे फैसलों को लोकलुभावन नीति करार दिया जाता है, लेकिन सामाजिक न्याय के नजरिए से यह एक आवश्यक कदम माना जा रहा है।


पेंशन राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर देने से राज्य सरकार पर हजारों करोड़ रुपये के अतिरिक्त वार्षिक खर्च का बोझ बढ़ेगा। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कोई विस्तृत आंकड़ा साझा नहीं किया, पर सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा बजट में इस अतिरिक्त भार को समायोजित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।


बिहार में नीतीश सरकार का यह फैसला न केवल चुनाव से पहले एक बड़ी सौगात के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह सामाजिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भी परिचायक है। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह लाखों जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री की विकास और न्याय के एजेंडे को भी मजबूत करेगी।

अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव आयोग की तारीखों की घोषणा के बाद राजनीतिक माहौल में इस फैसले का क्या असर होता है और विपक्ष इसे किस रूप में चुनौती देता है। लेकिन एक बात तय है कि नीतीश कुमार ने एक बार फिर महिलाओं और वृद्धजनों के हित में बड़ा दांव खेला है।