
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
पाकिस्तान भारत को एक दिन तेल बेचेगा: ट्रंप का बड़ा बयान, पाकिस्तान से तेल भंडार विकसित करने की तैयारी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा है कि आने वाले समय में पाकिस्तान इतना मजबूत हो सकता है कि वह भारत जैसे देशों को भी तेल बेच सकेगा। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ मिलकर उसके तेल भंडार को विकसित करने की योजना बना रहा है।
ट्रंप ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "हम पाकिस्तान में ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी साझेदारी करने जा रहे हैं। वहां के तेल भंडारों का दोहन किया जाएगा। और एक दिन पाकिस्तान इतना सक्षम होगा कि वह भारत को भी तेल निर्यात कर सकेगा।"
पाकिस्तान के साथ ऊर्जा समझौते की संभावना
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच ऊर्जा और खनिज क्षेत्र में सहयोग को लेकर बातचीत चल रही है। अमेरिका की कई तेल और गैस कंपनियां पाकिस्तान के अंडरएक्सप्लोर्ड ऑयल रिजर्व्स में निवेश की इच्छुक हैं। पाकिस्तान के बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में तेल और गैस के बड़े भंडार होने की संभावना है।
ट्रंप ने कहा, "हम पाकिस्तान को एक उभरती हुई ऊर्जा शक्ति में बदल सकते हैं। इससे न केवल पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि वैश्विक तेल बाज़ार में भी उसका योगदान बढ़ेगा।"
भारत को लेकर टिप्पणी
भारत को लेकर ट्रंप की टिप्पणी पर अब राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। उन्होंने कहा, "भारत हमारा अच्छा मित्र है, लेकिन अगर पाकिस्तान तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाता है, तो भारत को उससे तेल खरीदने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए।"
भारत की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
भारत सरकार की ओर से अभी तक ट्रंप के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान भारत और अमेरिका के बीच चल रही रणनीतिक साझेदारी और ऊर्जा समझौते को प्रभावित कर सकता है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री ने ट्रंप की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि, "अगर अमेरिका पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करता है, तो यह हमारे लिए गेम चेंजर साबित होगा। हम क्षेत्रीय ऊर्जा केंद्र बनने की दिशा में काम कर रहे हैं।"
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान जहां पाकिस्तान के लिए आर्थिक संभावना के नए रास्ते खोलता है, वहीं भारत और अमेरिका के संबंधों में नया विमर्श भी शुरू करता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस पर क्या रुख अपनाता है और अमेरिका पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र में कितनी गंभीरता से कदम बढ़ाता है।