
लोकल डेस्क, एन. के .सिंह |
पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ रचनात्मक जागरूकता, निदेशक महोदय का प्रेरणादायक संबोधन और सामूहिक संकल्प।
जन शिक्षण संस्थान मोतिहारी द्वारा आयोजित 'स्वच्छता पखवाड़े' का शानदार समापन हुआ, जिसमें प्लास्टिक-मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इस 15-दिवसीय अभियान के दौरान, संस्थान ने प्रशिक्षणार्थियों और कर्मचारियों के बीच एकल-उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए जागरूकता फैलाई।
रचनात्मकता के माध्यम से जागरूकता
समापन समारोह के अवसर पर, संस्थान के विभिन्न उपकेंद्रों के प्रशिक्षणार्थियों के लिए एक पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में युवा प्रतिभागियों ने अपनी कला के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण के गंभीर परिणामों को दर्शाया। उनकी रचनात्मकता ने यह संदेश दिया कि प्लास्टिक सिर्फ एक कचरा नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है।
निदेशक का प्रेरक संदेश और सामूहिक संकल्प
संस्थान के निदेशक महोदय ने अपने संबोधन में प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक किस प्रकार हमारी मिट्टी, पानी और हवा को प्रदूषित कर रहा है, जिससे न केवल मानव जीवन बल्कि समस्त जीव-जंतुओं को भी खतरा है। उन्होंने सभी से प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बंद करने और इसके स्थान पर कपड़े से बने थैलों का उपयोग करने का आग्रह किया। इस प्रेरक संबोधन के बाद, सभी उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
भविष्य की ओर एक नया कदम
इस स्वच्छता पखवाड़े में संस्थान के निदेशक दिनेश कुमार, निदेशक मधु कुमारी, सुजीत कुमारी, मनाली शर्मा, विकास कुमार, आरती कुमारी, राकेश कुमार, एवं अन्य सभी कार्यकर्ताओं, प्रशिक्षकों और प्रशिक्षणार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक साझा प्रयास था जिसने सभी को मिलकर एक स्वच्छ और प्लास्टिक-मुक्त भविष्य के लिए प्रेरित किया।